लेखनी कहानी अक्स तुम्हारा
यूं तो यह भी सच है कि पहली मोहब्बत को इंसान कभी नहीं भुला पाता। लेकिन कभी कभी जिंदगी ऐसा खेल खेलती है कि एक शख्स के इस दुनिया से जाने की वजह से अधूरी रह गई मोहब्बत की कहानी किसी दूसरे के साथ मुकम्मल होती है। आरव और जाह्नवी (शान्वी की परछाईं) की प्रेम कहानी भी खुद में कुछ ऐसे ही रंग समेटे हुए है।
उस दिन आरव बहुत खुश था। वजह भी तो खुशी की थी। आरव बचपन से जिस लड़की से प्यार करता था। वो आज रात दुल्हन बनकर उसी की जिंदगी में शामिल होने वाली थी। लेकिन किस्मत के खेल को आज तक कौन समझ पाया है। पार्लर से वापस लौटते समय शान्वी(दुल्हन) और उसकी छोटी बहन नित्या का एक भयानक एक्सीडेंट हो गया और दोनों ने मौके पर ही दम तोड दिया। इस हादसे से आरव टूट सा गया था। उस दिन के बाद से आरव खामोश हो गया। दिन भर खुद को काम में व्यस्त रखने लगा था।
जाह्नवी एक जिंदादिल लड़की थी। उसकी जिंदगी यूं ही हंसते खेलते गुजर रही थी कि अचानक एक दिन पता चला कि उसके दिल में छेद है। उसके परिवार वालों ने उसे अस्पताल में भर्ती करवा दिया और किसी डोनर का इंतजार करने लगे। एक हफ्ते बाद हादसे का शिकार एक मरीज का मुर्दा शरीर अस्पताल में लाया गया जिसने आर्गन डोनेशन वाला फार्म भरा था और इस तरह जाह्नवी को उसकी जिंदगी वापस मिल गई।
जाह्नवी के जाने के दो महीने बाद आरव काम से घर लौट रहा था कि अचानक रास्ते में उसकी गाड़ी बंद पड़ गई। आरव और उसका ड्राइवर इधर उधर देखने लगा ताकि कोई मकैनिक नज़र आ जाए। ड्राइवर मकैनिक को ढूंढने दूसरी तरफ चला गया। आरव इधर उधर नज़र घूमा ही रहा था कि तभी उसकी नज़र थोड़ी दूरी पर स्थित एक चाय की टपरी पर पड़ी जहां कुछ बच्चे मज़े से पकड़ा पकड़ी खेल रहे थे। उनके साथ एक पच्चीस साल की लड़की भी थी। सफ़ेद कढ़ाईदार कुर्ता और जीन्स पहने बच्चों के साथ खूब मस्ती करते हुए आरव को नज़र आई। यह सब देखते हुए आरव को भी पता नहीं चला कि अचानक उसके होंठों पर मुस्कान छा गई थी। आरव इस कद्र उस लड़की की हंसी में खो गया कि उसे कुछ भी याद नहीं रहा। लगभग पन्द्रह बीस मिनट बाद ड्राइवर की आवाज से आरव होश में आया। उसे इस तरह किसी लड़की को ताड़ने की वजह से खुद पर बहुत गुस्सा आया कि वो कैसे जाह्नवी को भूल गया। मगर वो यह बात मान नहीं पा रहा था लेकिन उसे उस लड़की में जाह्नवी का अक्स नज़र आया था। उसकी हंसी, बच्चों के साथ घुलना मिलना, यह सब जाह्नवी का ही तो अंदाज था।
"तुम्हें पता है जाह्नवी, आज रास्ते में एक लड़की नज़र आई थी जिसका बात करना और मुस्कुराते हुए बच्चों के साथ खेलना बिल्कुल तुम्हारी तरह था। ऐसा लग रहा था कि जैसे वो लड़की तुम्हारा ही अक्स है।" जाह्नवी की तस्वीर से उस लड़की से लेकर तमाम आफिस की तमाम बातें करते करते आरव कब नींद की आगोश में चला गया उसे खुद ही पता नहीं चला।
#दैनिक प्रतियोगिता
सृष्टि सुमन
03-Feb-2023 05:08 PM
Nice
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प्रत्यंगा माहेश्वरी
02-Feb-2023 11:18 PM
Nice post
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प्रिशा
02-Feb-2023 08:57 PM
👌👌👌👏
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